वर्किंग वूमेन वर्सेस हाउसवाइफ

आज का हमारे ब्लॉक बहुत ही सुंदर होने जा रहा है क्योंकि आज हम इसमें एक ग्रहणी और एक कार्यशील महिला दोनों के बीच में अंतर बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं अमेजिंग फैक्ट और इससे छोटा महसूस ना करने के बारे में
ग्रहणी क्या है?
ग्रहणी घर में घर में कार्य करने वाले वहां औरत जो शादी के बाद में घर में ही रह जाती है और कोई कार्य नहीं करती है किसी प्रकार के आज दीपक हम आने के लिए और घर के कामकाज में अपना जीवन व्यतीत कर गुजार बैठती है
समय-समय पर इन्हें भी अपने जीवन में बदलाव करना चाहिए और कुछ नए कार्यों को करके अपने जीवन में कुछ बदलाव करके एक नए जीवन का अनुभव करना चाहिए और अपने बच्चों को भी एक अच्छी लाइफ देने के लिए इन्हें भी खुद की जीविका में और जीवन में परिवर्तन लाकर अपने परिवार को और अपने समाज को दुनिया को खुशहाल बनाना चाहिए और दूसरी तरफ ऐसे ही एक दूसरी महिला होती है जो अपनी एक अलग जिंदगी जीते हैं जिसे अपना वर्किंग वूमेन कहते हैं
वर्किंग वूमेन क्या है?
वर्किंग वूमेन वह है जो घर के साथ-साथ काम भी करती है बाहर जाती और समाज के साथ जोड़ती है समाज के नई पीढ़ियों को आने वाले वाले भविष्य से जोड़ने मैं मदद करने के लिए इनमें से कुछ महिलाएं उच्च पदों पर कार्य करती है तो कुछ राजनीतिक पदों पर भी कार्य करती है और साथ ही अपने सुखी एवं ग्रस्त जीवन को भी संभालती है ऐसी महिलाएं अक्सर जीवन में नए नए अनुभव कोशिश की और अपने बच्चों के जीवन को भी सुधारने में बहुत मेहनत करती हैं
महिलाओं का कार्यशील होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि वह इससे साथ ही समाज को जान पाएंगी और बस इसके साथ एक नई दुनिया का विकास करेंगे जो दुनिया आने वाले भविष्य को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचा देगी
लोगों की सोच एक वर्किंग वुमन और एक हाउसवाइफ के प्रति
अपने अपने समाज और रहन-सहन के कारण लोग अपनी अपनी सोच में भी बदलाव लाते हैं जैसा कि हम जानते हैं कि गांव के लोगों की सोच हमारी सोच से बहुत अलग है गांव में एक गृहस्ती स्त्री को बहुत ही अच्छा माना जाता है और दूसरी तरफ वर्किंग वूमेन को यानी की कार्यशील औरत को बड़ी ही को दृष्टि से देखा जाता है वहीं शहर में इसका विपरीत वातावरण पाया जाता है जैसा कि एक ग्रह कार्यशील औरत को अच्छा और एक ग्रस्त स्त्री को बुरा बताया जाता है यह गांव और शहर की अलग-अलग सोचे ही मनुष्य के भीतर अलग-अलग भाव पैदा करते हैं और यह बात ही नहीं समाज को जन्म देते हैं कि समाज और भविष्य आने वाले समय में कैसा होगा
              कुछ लोगों में बुरी भाव नहीं होती है कुछ लोगों में अच्छी भावना ही होती है ना उनकी सोच होती है  यह सोच वही है जो देश को परिवर्तित करने और दुनिया को परिवर्तित करने की क्षमता रखती है यह अपनी बुद्धि और विवेक से ही कार्य करती है इसका अंदाजा इससे लगाया जाता है कि लोग इन दोनों ही अवस्थाओं में स्त्री का पति दोनों ओर से अच्छी और बुरी भावनाएं अपने और विचार अपने मन में रखते हैं कई लोग इन्हें बुरा और कई लोग इन्हें अच्छा बताते हैं उन्हीं में से आज मैं उदाहरण देने के लिए मशहूर मोटिवेशनल व्यक्ति का नाम उजागर करना चाहता हूं जो कि एक बार के मुंह में और एक हाउसवाइफ है बीच में यह जो अंतर है उसके प्रति एक नई सोच को पैदा करने में बहुत ही विकासशील एवं तेजी से बढ़ने वाला विचार प्रस्तुत करते हैं जिनका नाम है 
महिलाओं के बारे में चेतन भगत का विचार
        चेतन भगत नए-नए वीडियो में अपनी ही जीवन के बारे में कुछ बताते हैं और लोगों को अपने जीवन को बदलाव करने के लिए एस्पायर करते हैं यह कुछ ऐसे ही बातें कहे जाते हैं जैसे लोगों की बुद्धि में विकास होता है और लोगों की सोच एक अच्छी सोच में बदल जाती है इसी प्रकार चेतन भगत महिलाओं के बारे में भी कहते हैं कि महिलाओं को अपने आप को हाउसवाइफ कहकर अपना परिचय नहीं देना चाहिए क्योंकि वह तो घर की क्वीन है ऐसा इसलिए क्योंकि वह काम नहीं करती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह हाउसवाइफ है क्योंकि उनकी शादी उस घर से नहीं हुई उस घर के मालिक से हुई है इसलिए वह एक दूसरे पर कहां से उस घर की रानी बन जाती है और रानी कहलाने के हक से ही वह घर की "क्वीन ऑफ़ द हाउस "कहलाने की हकदार हैं 
             तो उम्मीद करता हूं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी इसी के साथ हमारे साथ जुड़े रही है और पढ़ते रहिए अमेजिंग फैक्ट पिक में और आज का फैक्ट है अच्छी सोच कर बता तो सोच बदलो दुनिया बदल जाएगी

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