मगरमच्छ के बारे में तो आपने सुना ही होगा यह जीव पानी के अंदर और बाहर दोनों तरफ विचरण करता है अक्सर ऐसे जिव उभयचर कहलाते हैं जोकि पानी के अंदर व बाहर या फिर कीचड़ जैसे इलाके में भी आराम से रह सकते हैं जैसे कि मेंढक इत्यादि।
समुद्र में रहने वाले इस जीव की अनेकों खास बातें है पर इन में से एक यह है की यह पानी के अंदर वह बाहर दोनों तरफ रह सकता है इसकी जबड़े की मांसपेशियां अन्य जीवो के मुकाबले बेहद ज्यादा मजबूत और भारी होती है इसकी आंखें करीबन 180 डिग्री तक घूमती है परंतु साथ ही चौंकाने वाली बात यह है की इस जीव के मुंह में दांत होते हैं और जीभ भी होती है। आमतौर पर जीवो के मुंह में नीचे की तरफ पाई जाती है लेकिन मगरमच्छ में यह जीभ मुंह के ऊपर के भाग में पाई जाती है यानी तालु से चिपकी हुई होती है।
यह जीभ मगरमच्छ को भोजन करने में या भोजन को निगलने में और नाही उसको पचाने में और ना ही उसका स्वाद चखने में मदद करती है बल्कि यह जीभ मगरमच्छ के मुंह के अंदर हिलती भी नहीं है बस तालु से चिपकी हुई रहती है परंतु मगरमच्छ के मुंह के अंदर इस जीभ का अपना ही एक रहस्य है वैज्ञानिकों का मानना है की इस जीभ से बनने वाली लार मनुष्य की लार से बहुत ज्यादा ताकतवर होती है जोकि आमतौर पर मनुष्य की लार से भोजन में पाई जाने वाली वसा का पाचन होता है जबकि मगरमच्छ के मुंह के अंदर उस जीभ से बनने वाली लार से कांच तक को पिघलाया जा सकता है और साथ ही स्टील को भी पिघलाया जा सकता है जोकि बहुत ही कठोर धातु में से एक मानी जाती है इतनी शक्तिशाली लार के साथ वह अपने बड़े से बड़े शिकार व भोजन को बड़ी ही आसानी से पचा सकता है और वह भोजन को बिना चबाए है उसे सीधा ही निगल लेता है।
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